आजकल यूट्यूब और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बायोगैस प्लांट से जुड़ी कई वीडियो वायरल हो रही हैं। इनमें दावा किया जाता है कि सिर्फ गोबर से बिना किसी बड़ी लागत के बायोगैस बनाई जा सकती है, जिससे आप मुफ्त में गैस और बिजली पैदा कर सकते हैं। कुछ लोग इसे लाखों का बिजनेस बताकर लोगों को इन्वेस्ट करने के लिए उकसाते हैं। लेकिन क्या यह सच में इतना आसान और फायदेमंद है, या फिर यह सिर्फ एक नई तरह की ठगी है?
इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि बायोगैस स्कैम कैसे काम करता है, इसके झूठे दावों को कैसे पहचानें, और ठगी से कैसे बचें।

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बायोगैस स्कैम कैसे काम करता है?
1. भ्रामक विज्ञापन और वीडियो:
• यूट्यूब पर कई चैनल ऐसे वीडियो अपलोड करते हैं, जिनमें दिखाया जाता है कि बायोगैस प्लांट लगाना बेहद आसान और सस्ता है।
• वीडियो में दावा किया जाता है कि कुछ हजार रुपये लगाकर रोजाना मुफ्त गैस और बिजली पैदा की जा सकती है।
2. लालच देकर पैसे ऐंठना:
• कुछ स्कैमर्स बायोगैस प्लांट के नाम पर लोगों से एडवांस पेमेंट लेते हैं और बाद में प्रोडक्ट या सर्विस डिलीवर नहीं करते।
• कुछ मामलों में लोग घटिया क्वालिटी की टैंक और पाइपलाइन बेचकर पैसा कमा रहे हैं।
3. फर्जी ट्रेनिंग और कोर्स:
• कई वेबसाइट और यूट्यूब चैनल ‘बायोगैस बिजनेस ट्रेनिंग’ के नाम पर 5,000 से 50,000 रुपये तक फीस लेते हैं, लेकिन यह कोर्स बेकार साबित होता है।
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बायोगैस स्कैम के झूठे दावे और हकीकत
झूठा दावा –
- सिर्फ 5000-10,000 रुपये में बायोगैस प्लांट तैयार
- 1 किलो गोबर से 1 घंटे तक गैस मिलेगी
- कोई रखरखाव नहीं चाहिए
- बायोगैस से फ्री में बिजली भी मिलेगी
सच्चाई –
- छोटे घरेलू प्लांट में कम से कम 20,000 से 50,000 रुपये का खर्च आता है
- गोबर की क्वालिटी, तापमान और टैंक साइज़ के अनुसार गैस उत्पादन अलग-अलग होता है
- बायोगैस प्लांट को समय-समय पर सफाई और मरम्मत की जरूरत होती है
- बिजली उत्पादन के लिए महंगा जेनरेटर चाहिए, जो आम किसानों के लिए संभव नहीं होता
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बायोगैस स्कैम से कैसे बचें?
1. फर्जी वीडियो और विज्ञापनों पर भरोसा न करें:
• बिना ठोस प्रमाणों के किसी भी यूट्यूब वीडियो पर यकीन न करें।
• यदि कोई बिजनेस का दावा कर रहा है, तो उसकी असली सफलता के सबूत मांगें।
2. गंभीर रिसर्च करें:
• भारत सरकार की MNRE (Ministry of New and Renewable Energy) वेबसाइट पर जाकर बायोगैस योजनाओं और अनुदान की सही जानकारी लें।
• किसी भी कंपनी या ट्रेनिंग प्रोग्राम को पैसे देने से पहले उसके बारे में गहराई से जांच करें।
3. असली बायोगैस प्लांट का खर्च समझें:
• अगर आप बायोगैस प्लांट लगाना चाहते हैं तो स्थानीय कृषि विशेषज्ञों और सरकारी योजनाओं की जानकारी लें।
• छोटे घरेलू प्लांट से बड़े स्केल वाले कमर्शियल प्लांट तक की सही लागत और टेक्नोलॉजी की जानकारी लें।
4. प्रैक्टिकल जानकारी लें:
• अगर संभव हो तो किसी असली बायोगैस प्लांट को जाकर देखें और वहां के लोगों से उनके अनुभव पूछें।
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निष्कर्ष
बायोगैस एक अच्छी तकनीक है, लेकिन यह उतनी आसान नहीं है जितनी यूट्यूब वीडियो में बताई जाती है। अगर आप इसमें निवेश करना चाहते हैं, तो पहले पूरी रिसर्च करें और सरकारी योजनाओं की जानकारी लें। किसी भी तरह की गैर-विश्वसनीय वेबसाइट, यूट्यूब चैनल या सोशल मीडिया विज्ञापन से सावधान रहें।
अगर आपको कोई ऐसा स्कैम नजर आता है तो सरकार की उपभोक्ता हेल्पलाइन या साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत करें। अपनी मेहनत की कमाई को बचाएं और समझदारी से फैसले लें।
क्या आपने बायोगैस स्कैम से जुड़ा कोई अनुभव किया है? नीचे कमेंट में शेयर करें!